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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Monday 20 June 2011

गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ अहिंसात्मक जनांदोलन का शंखनाद

रायगढ़। हम सभी जानते है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां 65 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं तथा अपनी जीवन के जमीन और जंगल पर निर्भर है। जमीन पर अधिकार न केवल टिकाऊ आजीविका का जरिया है बल्कि भूमि स्वामित्व, सम्मान, संस्कृति, पहचान एवं गरिमा का प्रतीक है। विकास के पथ पर दौड़ने आजाद भारत की आधी से अधिक आबादी आजीविका के लिये धरती माता के भरोसे जी रही है। देश में राष्ट्रीय भूमि नीति का अभाव , भूमि सुधारों के अधूरे प्रयास भूमि, अधिग्रहण के परिणाम स्वरूप भूमि से बेदखली, वनाधिकार अधिनियम 2006 के क्रियान्वयन में काबिजों के अधिकारों की अनदेखी, विकास की योजनाओं से बड़े पैमाने पर विस्थापन, कृषि भूमि का गैर कृषि के लिये हस्तान्तरण, आवासीय भूमि का अभाव, उद्योगों के लिये आवश्यकता से अधिक भूमि का आबंटन आदि तथाकथित विकास के नाम पर गांव की रोजी रोटी के संसाधनों को छीन रही है।
एकता परिषद द्वारा जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया कि राष्ट्रीय भूमि नीति के निर्माण, प्राकृतिक संसाधनों पर आजीविका के लिये निर्भर लोगों का अधिकार आजीविका छीनने वाली योजनाओं पर विराम, महिलाओं को किसान का दर्जा विशेष अधिसूचित क्षेत्र के प्रावधानों (पैसा) को लागू, प्राकृतिक संसाधनों पर संवैधानिक अधिकारों के लिये जनसत्याग्रह 2012 के तहत निर्णायक आंदोलन होगा।
जनसत्याग्रह 2012 में 2 अक्टूबर 2012 से एक लाख सत्याग्राही ग्वालियर से दिल्ली पैदल कूच करेंगे तथा तब तक सड़क पर रहेंगे जब तक सरकार गरीबोन्मुखी नीति एवं अधिकारों का क्रियान्वयन शुरू कर देती। इसके पूर्व 2 अक्टूबर 2011 से एक वर्षीय भूमि अधिकारी संवाद यात्रा पूरे साल भर तक चलेगी जो देश के सभी राज्यों में आजीविका के संसाधनों से वंचित लोगों को एकजूट करेगी।
तीन दिन तक चलने वाली चेतावनी सभा, संसद की ओर कूच तथा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एकता परिषद के राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष पी.व्ही. राजगोपाल, रनसिग परमार (राष्ट्रीय संयोजक एकता परिषद) स्वामी अग्निवेश अन्ना हजारो, सुश्री किरण बेदी सहित देश के 18 राज्यों के लगभग 10,000 नेतृत्व कर्ता साथियों के द्वारा आदिवासियों के आजीविका के लिये 14 विभिन्न देशों के संघर्षरत साथीगणों ने उक्त कार्य कार्यक्रम में शिरकत की।
छत्तीसगढ़ एकता परिषद के शिविर नायक प्रशांत कुमार ज्ञानाधर शास्त्री एवं हलधर मिश्रा अपने 1600 साथियों सहित छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व किया छत्तीसगढ़ एकता परिषद के साथियों का संचालक एवं अगुवाई रघुवीर प्रदान द्वारा किया गया।

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