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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Monday 27 June 2011

भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों को बंदी बनाने की निंदा

भोपाल। छिंदवाड़ा के समीप चौसरा गांव में अदानी पॉवर प्रोजेक्ट का शांति पूर्ण तरीके से विरोध कर रहे तीन दर्जन किसानों को पुलिस द्वारा बिना कारण बताये बंदी बना लिया गया है और अमरवाड़ा में ले जाकर रखा गया है। इस घटना की एकता परिषद ने निंदा करता है।

छिंदवाडा के समीप चौसरा गांव में यह कंपनी 1320 मेगावाट का ताप बिजलीघर लगाने जा रही है और पेंच नदी पर दो बांध बनाकर इस बिजलीघर के लिये नदी का पानी लेने की योजना बना रही है। इन योजनाओं से इस क्षेत्र के गांवो की खेती की जमीन और सिंचाई का पानी दोनो छीना जा रहा है। सार्वजनिक कार्यो के नाम पर सरकार द्वारा किसानों से 10,000 रुपए एकड़ के भाव से जमीन अधिग्रहण कर उसे निजी कारोबारियों को 13 लाख रुपए एकड़ की दर से बेच देना जिससे कि कंपनी करोड़ों रुपए का मुनाफा कमा सके, नितांत निंदनीय कार्य है और किसानों के साथ गद्दारी है। इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है।

आज किसान पंचायत के माध्यम से किसान अपनी भूमि अधिकार की सुरक्षा के लिए बैठक कर रहे थे, उस समय पुलिस ने किसानों और उनका समर्थन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण बताये बंद कर दिया और छिंदवाडा से दूर अमरवाडा मे लेजाकर निरूद्व कर दिया। इस बात की जानकारी गिरफतार किये गये जौरा के पूर्व विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता श्री महेद्गा मिश्रा ने दूरभाष पर एकता परिषद को दी। उन्होने बताया कि उनके साथ इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता डा. सुनिलम् और एडवोकेट अराधना भार्गव, चंबल के वरिष्ठ पत्रकार श्री जगदीद्गा शुक्ला सहित तीन दर्जन लोगों को पुलिस ने गिरफतार किया है। ज्ञात हो कि पिछले माह जब डा. सुनिलम् अपने साथियों के साथ इस क्षेत्र में भ्रमण कर रहे थे तब अदानी पावर प्रोजेक्ट के गुंडो ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डा. रनसिंह परमार ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि भूमि अधिग्रहण का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे किसानों को बंद किया जाना लोकतंत्र की मर्यादा का उलंघन है। इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लगायी गयी तो एकता परिषद राज्य व्यापी आंदोलन करेगा।

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