About Me

एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

मन्त्र

पहला मंत्र
कभी भी अपने आपको  नेता नहीं मानना चाहिए आप नेता तभी बनते है जब जनता आपको नेता मानती है। आप जनता के बदौलत नेता है।

दूसरा मंत्र
सही नेता वही है जिसमें त्याग की भावना हो। मॉं की तरह त्याग होना चाहिए, तभी वह सही नेता कहलाएगा।

तीसरा मंत्र
नेता में सहिsणता होना अति अनिवार्य है सामने वाला कितना भी उग्र प्रवृति का हो वह आपको कितना भी उकसाए आप अगर अपना आपा नहीं खोते है और आप अपने सिंद्धात पर अडिग रहते है तभी आप अघ्छा नेता बन सकते है।

चौथा मंत्र
संगठन को मजबुत कैसे बनाएगें, संगठन को मजबुत बनाने के लिए अपने साथियों की अवगुण पर न ध्यान देकर हम उनके अच्छाई पर ध्यान दे, हमें उनकी बुराई कभी नहीं करना चाहिए, अगर हमें लगता है कोई साथी अच्छे ढंग से काम नहंी कर रहे है तो उन्हें हमें मदद करना चाहिए और उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए। तभी हमारा संगठन मजबुत होगा। अच्छा नेतृत्वकर्ता वही है जो गुणों का दर्द्गान करे और गुणों का प्रसार करे।

पंचमा मंत्र
गरीबों के ताकत पर भरोसा करना- हमें गरीबों के ताकत पर भरोसा करना चाहिए क्योंकि गरीब ही इस देद्गा को बदल सकते है। कोई बड़ा आदमी (राजनेता, कर्मचारी,व्यवसायी) इस देद्गा को नहीं बदल सकता है। गरीब ही किसी भी तरह की विकट परिस्थितियों का सामना कर सकते है। इसलिए हमें उनके ताकत पर भरोसा करना चाहिए।

छठा मंत्र
अच्छा नेता वही है जो अच्छा नेतृत्व करे और अच्छे नेतृत्वकर्ता को उभार सके।