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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Monday 5 September 2011

भू-अधिकार को दिल्ली कूच करेंगे एक लाख

शिमला — हिमालय नीति अभियान एकता परिषद भू-अधिकार व वन अधिकार कानून को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेगी। दो अक्तूबर से सितंबर 2012 तक चलने वाले इस आंदोलन में देश भर से एक लाख लोग जन सत्याग्रह वाहन यात्रा में दिल्ली के लिए कूच करेंगे। भू-अधिकार को लेकर चलाए जाने वाले इस अभियान के तहत शिमला में हिमालय नीति अभियान एकता परिषद व राष्ट्रीय वन जन श्रम जीवी मंच द्वारा सामूहिक तौर पर कृषि सहकारी समिति के प्रशिक्षण संस्थान में दो दिवसीय परिसंवाद किया गया। इस परिसंवाद में पांच राज्य उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब व हिमाचल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। एकता परिषद से आए रमेश शर्मा ने शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान भूमि के सवाल में देश भर में चलाई जाने वाली जन सत्याग्रह की वाहन यात्रा और पद यात्रा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। यह यात्रा कन्याकुमारी से दो अक्तूबर 2011 से शुरू होगी, जिसमें पूरे देश से सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह यात्रा सितंबर 2012 में ग्वालियर में एकत्रित होकर वहां से पद यात्रा के रूप में तबदील की जाएगी, जिसमें एक लाख लोग दिल्ली तक मार्च करेंगे। यह यात्रा देश के विभिन्न कोनों से शुरू होगी। हिमाचल प्रदेश में चल रहे आंदोलनों की समीक्षा की गई व चिंता जताई गई कि जो प्रोजेक्ट रुके हुए हैं उन्हें सरकार फिर से शुरू कर सकती है। इसी तरह अन्य प्रोजेक्ट रेणुका, लूरी आदि जगहों में भी आंदोलन तेज है। पहले दिन के परिसंवाद की शुरुआत करते हुए एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति के विषय में देश भर में अक्तूबर 2011 से 2102 तक जन सत्याग्रह के तहत होने वाली पद यात्रा के बारे में बताया। इस दौरान महिलाओं को भूमि सुधार के एजेंडे से जोड़ने की बात की व इस बात पर जोर दिया कि भूमि अधिकारों के सत्याग्रह में महिलाएं ही निजीकरण कंपनियों द्वारा की जा रही लूट को रोकने में कामयाब हो रही हैं। हिमाचल में वन अधिनियम कानून को लागू नहीं किया जा रहा है। जो सही नहीं है।

http://www.divyahimachal.com/2011/08/31/

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