मप्र सरकार की मंशा अनुसार मजदूरी से संबंधित मामले में जब भी कोई गरीब आदिवासी, हरिजन या बेसहारा को प्रताडि़त करके उसे मजदूरी नहीं दी जाती तो ऐसे प्रकरण में श्रम विभाग के द्वारा मामले की जांच करके संबंधित मजदूर परिवार को तत्काल की गई मजदूरी के भुगतान करने का प्रावधान है। एकता परिषद के जिला समन्वयक रामप्रकाश ने शिवपुरी जिले के श्रम विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरी से जुड़े प्रकरणों की न तो श्रम विभाग सुनवाई करता और न ही गरीब परिवारों को मजदूरी का समय पर भुगतान करता है। जबकि ऐसे प्रकरणों में सरकार की व्यवस्था तत्काल भुगतान की की गई है लेकिन श्रम विभाग की उदासीनता के चलते गरीब और बेसहारा लोग चक्कर लगाते रहते हैं।
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