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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Saturday 8 October 2011

जन संवाद यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह

Posted by अन्नपूर्णा मित्तल on October 6th, 2011

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पटना। यूपीए-एक और यूपीए-दो की सरकार में अबतक तीन केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बने हैं। वर्ष 2004 के आम चुनाव के बाद केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह बने। वर्ष 2009 के आम चुनाव में यूपीए और राजद के बीच पूर्व चुनाव समझौता नहीं होने के कारण ही डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बन गये। उनके बदले में 2009 में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ सीपी सिंह बने। बेहतर रिजल्ट नहीं देने के कारण डॉ सीपी सिंह भी पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बन गये। अब केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश हैं। इस तरह जनादेश 2007 के बाद तीन केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बन गये मगर इन मंत्रियों ने एकता परिषद का एक कार्य भी कार्य नहीं किया। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश पर भरोसा है कि शीतकालीन सत्र के दौरान अवश्य ही राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति निर्माण करा दें। इसके अलावा जन एकता परिषद की जितनी भी मांग है उसे पूरा कर दें नहीं तो एक लाख लोग दिल्ली में प्रवेश कर दिल्ली महानगर को जाम कर देंगे।
जन सत्याग्रह 2012 के मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से एकता परिषद के द्वारा जन संवाद यात्रा 2011 का आयोजन किया है। इसके तहत 24 राज्यों का वाहन से भ्रमण किया जाएगा। गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर को कन्याकुमारी से जन संवाद यात्रा शुरू कर दी गयी है। इस अवसर पर देश के दो महान विभूति राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भूदान आंदोलन के प्रार्णेता विनोबा भावे के साथ कार्य करने के परम अवसर प्राप्त बाल विजय भाई, युवातुर्क व्यक्तित्व के धनी एसएन सुब्बाराव, मैंग्नेसले अवार्ड से सम्मानित राजेन्द्र सिंह, कई पदयात्राओं में शिरकत करने वालीं गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष राधा भट्ट, आशिफ मोहम्मद खान, बालकृष्ण रेन्के, एससी बेहर, डा केबी सक्सेना, स्वामी सच्चिदानंद, ईपी मेनन के अलावा भारी संख्या में एकता परिषद की जंग को समर्थन करने वाले उपस्थित थे।
बताते चले कि एकता परिषद ने वर्ष 2007 में 25 हजार की संख्या निर्धारित कर जनादेश 2007 सत्याग्रह पदयात्रा आयोजित की थी। एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष सह सत्याग्रह पदयात्रा के महानायक पीव्ही राजगोपाल के नेतृत्व में 2 अक्तूबर 2007 को ग्वालियर से आरंभ होकर 28 अक्तूबर को रामलीला मैदान में पहुंची थी। इसके अगले दिन 29 अक्तूबर को सत्याग्रहियों को संसद कूच करना था। मगर दिल्ली प्रशासन ने इजादत नहीं दी। दिल्ली प्रशासन और सत्याग्रहियों के नेतृत्वकर्ताओं के बीच में गतिरोध पैदा हो गया। इस गतिरोध को दूर करने के लिए यूपीए-एक की सरकार के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने उस समय के केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह को रामलीला मैदान भेजा। बिहार के मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने आते ही महती जनसभा को संबोधित करते हुए बिहारी स्टाइल में कहा कि आप लोगों की सभी मांगों को माननीय प्रधानमंत्री ने एकसिरे मान ली है। इसके साथ आपलोगों को दो तोहफे भी दिये हैं। खुद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय भूमि सुधार समिति निर्माण की जाएगी। दोनों के बन जाने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर भूमि सुधार संबंधी कानून बन जाएगा। राष्ट्रीय भूमि सुधार समिति के सदस्य राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाएंगे। इस तरह की लुभावनी संभाषण से गदगद होकर एकता परिषद के सत्याग्रही रामलीला मैदान से राम-राम कहकर रवाना हो गये।
राष्ट्रीय भूमि सुधार समिति के सदस्यों ने राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति का ड्राफ्टकोपी को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद को वर्ष 2009 में सौंप दिया है। इसमें करीब 300 अनुशंसाएं की गयी है।
इसके बाद वर्ष 2009 के आम चुनाव में विजयी होने के बाद एकबार फिर यूपीए-दो की सरकार सत्तासीन हो गयी। यूपीए- दो की सरकार से राजद के साथ तालमेल नहीं होने के कारण डॉ सीपी सिंह को केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री बनाया गया। नवनियुक्त केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ सीपी सिंह से शिष्टाचार के नेता एकता परिषद के अध्यक्ष पी व्ही राजगोपल और एकता परिषद, बिहार के प्रांतीय संयोजक प्रदीप प्रियदर्शी ने मुलाकात की। दोनों ने जनादेश 2005 के बारे में जिक्र किया और आशा व्यक्त की कि यथाशीघ्र राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बना दी जाए। सारी जानकारी लेने के बाद केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ सीपी सिंह ने दो टूक जवाब दिया कि आपलोग 25 हजार लोगों के साथ जनादेश 2007 किए हैं। हम लोग एक करोड़ की संख्या वाले देश का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं। पहले उनका ही हित और ख्याल किया जाएगा। इसको सुनने के बाद दोनों का होश फाख्ता हो गया।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ सीपी सिंह को चुनौती देने के लिए जन सत्याग्रह 2012 का एलान किया गया है। इसमें एक लाख लोग हिस्सा लेंगे। डाल दो चाहे सलाखों में अबकी बार लाखों में नारा गूंजने लगा है। प्रधानमंत्री और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री की उदासीनता के कारण जन संवाद यात्रा 2012 शुरू की गयी है। इस यात्रा के माध्यम से एकता परिषद के अध्यक्ष पी व्ही राजगोपाल जनता से संपर्क करेंगे। एक साल तक यात्रा चलेगी। 24 राज्य और 339 जिलों का भ्रमण करेंगे। 80 हजार किलोमीटर की दूरी है।
यात्री कोडुनकुलम पहुंची। यहां के लोग न्यूकियर प्लांट से विस्थापित और परेशान हैं। इस प्लांट से भूमि और आजीविका पर सीधे हमला हो रहा है। इससे निपटने के लिए गांधीजी के मार्ग को अपना रखा है। उसी मार्ग पर लोगों का विश्वास है।

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