About Me

एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Saturday 16 April 2011

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पखवाड़ा में 20 महिलाएं सम्मानित

clip_image002
पटना. एकता परिषद महिला मंच, बिहार के तत्वाधान में शुक्रवार को बेलीरोड में स्थित प्रगति ग्रामीण विकास समिति के परिसर में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पखवाडा़ के अवसर पर महिला अधिकार सम्मेलन में वंचित समुदाय की 20 महिलाओं को सम्मानित किया गया. इन सभी को शाल देकर विधायक आशा सिन्हा ने सम्मानित किया. इन सभी सम्मानित महिलाओं ने भूमि अधिकार, नशा बंदी, घरेलू हिंसा आदि के खिलाफ अपने गांव में जोरदार जंग कर फतह हासिल की हैं. इसके पहले सभी जुझारू ग्रामीण महिलाओं ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया.
मौके पर विधायक आशा सिन्हा ने कहा कि एकता परिषद के द्वारा आयोजित महिला अधिकार सम्मेलन में शिरकत करने वाली महिलाओं के हौसले को देखकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ. इस असवर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने ऐतिहासिक कदम उठाकर सूबे के पंचायत चुनाव में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण देकर महिलाओं को सम्मान और उनके नेतृत्व निखारने का कार्य किये हैं. इसका अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी अनुशरण कर रहे हैं. उन्होंने महिलाओं का आह्वान किया कि आप आज ही उठें और समाज के किनारे रह गईं महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु सर्वस्व निछावर कर दें.
इस अवसर पर पद्मश्री बहन सुधा वर्गीस ने कहा कि कहीं न कहीं हम लोग वंचित हैं. इसी लिए हम लोग महिला दिवस मनाते हैं ताकि अपनी महिलाओं के द्वारा किये गये उपलब्धियों की चर्चा जोरदार ढंग से कर सके और आपस में मिलकर आसान समस्याओं का निराकरण मिलजुलकर एकजुटता के साथ कर सके. बहन सुधा ने कहा कि हम महिलाओं को अपना अधिकार लेना ही है. इसके लिए किसी तरह की जंग करने को मजबूर होना क्यों न पड़े. आज भी हम सामाजिक सुरक्षा पेंशन, शिक्षा, जमीन में पति के साथ पत्नी के नाम से संयुक्त पट्टा के अधिकारों से वंचित हैं. उन्होंने इस ओर ठोस पहल करने की जरूरत पर बल दिया.
इस अवसर पर एकता परिषद के राज्य समन्वयक प्रदीप प्रियदर्षी ने कहा संघर्ष करने के बाद ही महिलाएं इस मुकाम पर आ सकी है। महिलाओं ने एकजुटता का परिचय जन सत्याग्रह 1012 के जन आंदोलन करने के पूर्व केन्द्र सरकार को चेतावनी देने दिल्ली जा धमकी। चार हजार की संख्या में महिलाओं की भागीदारी अधिक थी। उन्होंने कहा कि आने वाले कल महिलाओं का ही है।

No comments:

Post a Comment