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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Friday 15 April 2011

भूमि सुधार नीति पर राजगोपाल के साथ चर्चा करेंगे पीएम

भूमि सुधार नीति पर राजगोपाल के साथ चर्चा करेंगे पीएम

Manmohan-Singh
नई दिल्ली। भूमि सुधार कानून बनाने की दिशा में केंद्र सरकार के वादे के अनुसार कदम नहीं उठाने के विरोध में गांधीवादी संगठन ‘एकता परिषद’ की ओर से करीब 15 हजार लोगों ने सोमवार को राजधानी के रामलीला मैदान से संसद भवन तक रैली निकाली, जिसके बाद केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने कानूनी प्रक्रिया में तेजी लाने का आश्वाशन देते हुए आंदोलन के नेताओं से आज शाम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक कराने की बात कही है।
जंतर मंतर पर एक सभा के रूप में तब्दील हुई रैली में बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा, उड़ीसा, असम, मणिपुर, नागालैंड सहित 15 राज्यों से आए गरीब, भूमिहीन और आदिवासी लोगों ने हिस्सा लिया। जंतर-मंतर पर शाम  करीब 5 बजे तक चले धरना प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार की ओर से ग्रामीण विकास मंत्रालय में भूमि सुधार मामलों की विषेश सचिव अनीता चौधरी ने कहा कि उनके विभाग ने ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता वाली भूमि सुधार समिति की 350 सिफारिशों में से करीब 200 को अंतिम रूप दे दिया है और बाकी के करीब 150 सुझावों पर जल्दी ही फैसला होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि हालांकि भूमि सुधार एक जटिल समस्या है और इस बारे में वह कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकती। उन्होंने कहा कि इस मसले पर व्यापक चर्चा के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एकता परिषद के अध्यक्ष राजगोपाल पी को चर्चा के लिए आज शाम आमंत्रित किया है। रविवार से रामलीला मैदान में जमे ये लोग सत्ता के केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए तीन दिवसीय चेतावनी सभा कर रहे हैं।
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद के सदस्य राजगोपाल पी ने भूमि सुधार नीति लागू नहीं होने पर वर्ष 2012 में एक लाख लोगों के साथ जनसत्याग्रह शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने सोमवार को कहा कि अगर सरकार अपने वादे को नहीं निभाती है तो वे 2012 में एक लाख लोगों के साथ करो या मरो की अहिंसक लड़ाई लड़ेंगे। सरकार ने देश की जनता से किए वादे को पूरा नहीं कर उन्हें धोखा दिया है।
राजगोपाल ने कहा कि रविवार देर शाम तक दिल्ली की पुलिस ने उनके संगठन को दिल्ली में क्रिकेट मैच होने के कारण संसद कूच की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन बाद में पुलिस को गरीबों और वंचितों की आवाज को सुनना पड़ा और उन्हें संसद कूच की अनुमति दी गई।
ज्ञात हो कि वर्ष 2007 में 25 हजार से अधिक गरीब, भूमिहीन लोगों के साथ राजधानी पहुंचे राजगोपाल से सरकार ने शीघ्र ही राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाने का वादा किया था जिससे कि भूमिहीनों और वनवासियों को उनके प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार मिल सके, लेकिन सरकार तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद समुचित कदम नहीं उठा पाई है। यहां तक कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद की एक भी बैठक अब तक आयोजित नहीं हो सकी है।
इस मौके पर सभा को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध समाजसेवी स्वामी अग्निवेष ने कहा कि सरकार अहिंसक आंदोलनों की ताकत को कम करके आंक रही है, लेकिन गरीबों और वंचितों की इस लड़ाई में निश्चित तौर पर उसे ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार हिंसक आंदोलन कर रहे संगठन जैसे नक्सलियों के साथ बातचीत करने की इच्छुक है लेकिन वह अहिंसक और गांधी के मार्ग पर चलने वाली गरीब व वंचित जनता से बातचीत नहीं करना चाहती।

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