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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Friday 15 April 2011

दस दिन बनाम साढ़े बारह किलो अनाज


 

अतरी (गया)। खरौना गांव में 10 दिन बाद मंगलवार को मातम था। मूर्ति देवी की मौत पर परिवार सहित कई ग्रामीण दशकर्म के लिए गांव के बाहर जुटे थे। जहां एकता परिषद के चार सदस्य उनके मातम में सहभागी थी। इन दस दिनों के बीच खरौना गांव में प्रशासन ने लगभग सभी गरीब परिवारों के बीच अनाज के कुछ दाने पहुंचा ही दिये।
जिला मुख्यालय गया से 30 किमी दूर अतरी प्रखंड से सटे खरौना गांव है। उक्त गांव में 10 अक्टूबर को मूर्ति देवी की मौत भूख से बतायी जाती है। भूख से मौत की बात प्रशासन भले नहीं मानता। लेकिन इस घटना पर मुख्यमंत्री तक के कान खड़े हो गये। और लगभग जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों में आपातकालीन बैठक हुई। जहां अनाज का भंडारण किया गया। वृद्ध व असहाय लोगों की खोज की गयी।
मूर्ति की मौत के दस दिनों के बीच एकता परिषद द्वारा सौंपे गये 54 परिवार के सदस्यों की सूची पर स्थानीय प्रशासन ने गंभीरता दिखायी। 22 लाल कार्डधारी परिवार को 12.5 किलो प्रति परिवार अनाज दिया गया। जबकि 32 परिवारों के बीच 75 किलोग्राम गेहूं व चावल अंत्योदय कार्ड पर दिये गये। वृद्ध महिला-पुरुष की खोज की गयी। सबों को 10-10 किलोग्राम चावल दिये गये। रोजगार गारंटी योजना के तहत 94 लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया। प्रशासन की दरियादिली तो और खुलकर आयी। मूर्ति देवी के पुत्र किशोरी मांझी को एक क्विंटल अनाज अलग से श्राद्ध कर्म के लिए दिया गया।
लेकिन प्रशासनिक चेतना तब लौटी जब मूर्ति गुजर गयी थी। अब आगे कोई घटना न हो या सरकार की बदनामी न हो इसकी मुकम्मल तैयारी पूरे जिले में कर ली गयी है। प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों ने पंचायत प्रतिनिधियों को हिदायत दी है कि वैसे असहाय लोगों की तलाश की जाए जो भूखे हैं। उन्हें भंडार किये गये अनाज दिये जाएं। उक्त विषय को लेकर एकता परिषद आज भी गंभीर दिखा। परिषद के शत्रुघ्न कुमार ने बताया कि खरौना के 54 सूची के अतिरिक्त अन्य पंचायतों की सूची प्रखंड के अधिकारियों को सौंपी गयी है। इन सारे मुद्दों पर 29 अक्टूबर को मगध प्रमंडल के आयुक्त के साथ परिषद का प्रतिनिधिमंडल की एक बैठक तय की गयी है। उधर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व संगठन सचिव प्रो. विजय कुमार मिठु ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर मूर्ति देवी की मौत भूख से होना बताया है।

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