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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Saturday, 16 April 2011

विधवा की जमीन पर कुंडली मार कर बैठ गये दबंग

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इस बुजुर्ग महिला के हाथ में पॉलिथिन है. इस पॉलिथिन में धरती के देवताओं के द्वारा की जा रही काली करतूत और उसके दबंगई का खुला चिट्ठा है. इनके कहर का प्रभाव महिला के मनोमस्तिष्क पर पड़ रहा है. इसके बावजूद भी महिला घबड़ा नहीं रही है. वह दबंगों के एक-एक वार को झेलने को तैयार है. दूसरी ओर भगवान भी सहायक नहीं हो रहे हैं. डूबते हुए को तिनका का सहारा कहावत फेल हो रहा है. महिला सशक्तिकरण के युग में भगवान सहायता नहीं कर रहे हैं. लगातार गम के बांउसर से आहत होने के बाद दिल से कमजोर हो गयी है. इसका परिणाम यह हुआ कि वह हृदय रोग से पीड़ित हो गयी.
दबंगों के हाथ से जार-जार होने वाली परेशान महिला का नाम चन्द्री देवी है, आयु 65 वर्ष है. वह बिहार राज्य के बांका जिले के ग्राम मोचनावरण गांव की रहने वाली है. उसके पति का नाम भुतरी दास हैं, जो तीन बच्चों को जन्म देने के बाद स्वर्ग लोक सिधार चुके हैं.
बांका जिले के ग्राम मोचनावरण गांव के रहने वाले भुतरी दास की विधवा चन्द्री देवी ने बताया कि बांका जिले के प्रखंड कटोरिया, पंचायत और गांव लकीपुर के निवासी जमुना प्रसाद ने भूदान के प्रार्णेता विनोबा भावे को जमीन दान दी थी. इसके बाद वर्ष 1970-71 में सरकार ने भुतरी दास को खेती योग्य 4 एकड़ 80 डिसमिल जमीन दी. उन्हीं के साथ बरिआती पंडित को 2 एकड़ 80 डिसमिल जमीन मिली थी.  भुतरी दास के परिवार वालों ने मिलकर खेती करना शुरू कर दिया. कभी कोदो, धान, कुर्थी आदि फसल लगाकर मजे से जिन्दगी चला रहे थे. भूदान यज्ञ कमेटी के द्वारा प्राप्त दस्तावेजों को सरकार के अंचल कार्यालय में जाकर आवश्यकतानुसार रसीद और दाखिल खारिज करा लिया जाता था. इस बीच भुतरी दास का निधन हो गया.
महादलित परिवार के लोगों को भूदान यज्ञ कमेटी के द्वारा 4 एकड़ 80 डिसमिल जमीन मिली थी. जो दबंगों ने कब्जा कर रखा है. इसके खिलाफ 17 वर्षों से फरियाद करते-करते थकहार गयी है. किसी से खबर मिलने के बाद पटना राजधानी में स्थित एकता परिषद कार्यालय में आकर आपबीती बयान की है.
वर्ष 1994 में बरिआती पंडित के पुत्र भोनो पंडित और पुत्रवधू सुमा देवी की नियत खराब होने लगी. इस संदर्भ में विधवा चन्द्री देवी का कहना है कि इन लोगों की 2 एकड़ 80 डिसमिल जमीन का प्लांट बाजू में ही है. इसके कारण बरिआती पंडित के पुत्र भोनो पंडित और पुत्रवधू सुमा देवी ने 4 एकड़ 80 डिसमिल जमीन पर दावा करने लगे. दावा को पुख्ता करने हेतु अंचल कार्यालय के कर्मचारी एवं अन्य पदाधिकारियों को काम के बदले दाम देकर गलत दस्तावेज तैयार करा दिया गया.
भोना पंडित ने 2 एकड़ 60 डिसमिल और उनकी धर्मपत्नी ने 2 एकड़ 20 डिसमिल का दस्तावेज तैयार करा लिया है. इस धोखाधड़ी से विधवा चन्द्री देवी टूट गयी हैं. न्याय के लिए जन शिकायत कोशांग, बांका में फरियाद दर्ज करायी है. इसकी जांच की गयी, कोशांग के अधिकारी ने लिखा है कि उक्त जमीन पर शांतिपूर्ण ढंग से कब्जा है किसी अन्य व्यक्ति का कब्जा नहीं है.

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