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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Friday 15 April 2011

गरीबी से परेशान थी,बेटे को बेच दिया

मध्य प्रदेश में गरीबी से तंग आकर महिला ने अपने ही बेटे को बेच दिया.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में गरीबी से तंग आकर एक महिला द्वारा कथित तौर पर अपने ही 12 वर्षीय बेटे का 1500 रुपये में सौदा करने का मामला सामने आया है. वैसे जिलाधिकारी ने बच्चा बेचने की घटना की पुष्टि न होने की बात कही है.

यह मामला तब सामने आया जब उस महिला का बेटा ही सौदागरों के चंगुल से भाग निकला. बताया गया है कि मानिकपुर गांव की जनजातीय महिला गुड्डी के तीन बेटे और दो बेटियां हैं. पति की मौत के बाद उसके लिए इन बच्चों का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया था. इसी बीच गुड्डी की राजस्थान में मवेशी चराने वाले मारवाड़ियों से मुलाकात हुई और उसने अन्य बच्चों की भूख मिटाने के लिए बड़े बेटे विजय का 1500 रुपये में सौदा कर दिया.

सतनवाड़ा में विजय सोमवार को स्वयंसेवी संस्था 'एकता परिषद' के एक कार्यकर्ता के सम्पर्क में आया और उसने आप बीती सुनाई. संस्था के कार्यकर्ता विजय को लेकर जिलाधिकारी राजकुमार पाठक के पास पहुंचे. लड़के को श्रम विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है.

वहीं जिलाधिकारी पाठक ने कहा कि कुछ लोग एक बच्चे को लेकर उनके पास आए थे, जिसकी वास्तविकता पता लगाने के लिए श्रम विभाग से कहा गया है मगर अभी तक बच्चे के बेचने जैसी बात प्रमाणित नहीं हो पाई है, क्योंकि बच्चा ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहा है.
 

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