नई दिल्ली.भूमि सुधार कानून बनाने के लिए सरकार द्वारा उचित कदम न उठाने के विरोध में गांधीवादी संगठन एकता परिषद ने रविवार को रामलीला मैदान में एक चेतावनी सभा का आयोजन किया। सभा में बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, केरल, तामिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों के दस हजार से भी ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया
इस अवसर पर पुलिस द्वारा संसद कूच की अनुमति न दिए जाने के खिलाफ अपने 12 साथियों के साथ रविवार से उपवास पर बैठे राजगोपाल ने साल 2012 में एक लाख लोगों के साथ मिलकर जनसत्याग्रह शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़ें। राजगोपाल ने कहा कि प्रशासन दिल्ली में होने वाले क्रिकेट मैच के कारण उनके संगठन को संसद कूच की अनुमति नहीं दे रही है, जो इस देश के गरीब और भूमिहीन लोगों का अपमान है।
इस मौके पर एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने देश की जनता से किए गए अपने वादे पूरे न करके उन्हें धोखा दिया है।
गौरतलब है कि साल 2007 में 25 हजार से अधिक गरीब और भूमिहीन लोगों के साथ राजधानी में पहुंचे राजगोपाल से सरकार ने राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाने का वादा किया था, ताकि भूमिहीनों और वनवासियों को उनके प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार मिल सके। उनका आरोप है कि इस बात के तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार उस दिशा में समुचित कदम नहीं उठा पाई है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़ें। राजगोपाल ने कहा कि प्रशासन दिल्ली में होने वाले क्रिकेट मैच के कारण उनके संगठन को संसद कूच की अनुमति नहीं दे रही है, जो इस देश के गरीब और भूमिहीन लोगों का अपमान है।
इस मौके पर एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने देश की जनता से किए गए अपने वादे पूरे न करके उन्हें धोखा दिया है।
गौरतलब है कि साल 2007 में 25 हजार से अधिक गरीब और भूमिहीन लोगों के साथ राजधानी में पहुंचे राजगोपाल से सरकार ने राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाने का वादा किया था, ताकि भूमिहीनों और वनवासियों को उनके प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार मिल सके। उनका आरोप है कि इस बात के तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार उस दिशा में समुचित कदम नहीं उठा पाई है।
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