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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Friday 15 April 2011

सबकी अपनी हो जमीं, सबका हो अपना आसमां- पीवी राजगोपाल

पटना. अहिंसा के लिए न्याय जरुरी है। हिंसा को पुलिस खत्म नहीं कर सकती। इसके लिए सामाजिक स्तर पर सुधार लाने की आवश्यकता है। मंगलवार को भारतीय नृत्य कला मंदिर में आयोजित राज्य स्तरीय भूमि अधिकार सम्मेलन में राज्य भर से आए संगठन के लोगों के बीच एकता परिषद के संस्थापक पीवी राजगोपाल ने यह बात कही।



बंदूक नहीं कुदाल चाहिए, हर हाथ को काम चाहिए नारे के साथ पूरा हॉल उस वक्त गूंज उठा जब राजगोपाल ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार टाटा, बिरला, जिंदल जैसे उद्योगपतियों को आसानी से जमीन उपलब्ध करा देती है। लेकिन बात जैसे ही गरीब लोगों की आती है आना कानी होने लगती है। राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद के सदस्य राजगोपाल सरकार की नीतियों से खफा हैं। उन्होंने कहा कि भूमि सुधार को लेकर सरकार की उदासीनता से गरीब जनता में बेहद रोष है।


गरीब जनता की अपील है कि जोतने लायक जमीन हमें दे दो बाकी सबकुछ अपने पास रख लो। सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने कहा कि आर्थिक सुधार और उदारीकरण के दौर में भूमि सुधार की प्राथमिकता नहीं रही।



उन्होंने माना कि देश में आदिवासियों और दलितों को विकास की मुख्य धारा में सहयोगी नहीं बनाए जाने का कारण ही नक्सलवादी हिंसक घटनाओं को जन समर्थन प्राप्त होता है। मिश्रा ने भूमि सुधार के लिए एकता परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। मार्च 2011 में दिल्ली में धरना का आयोजन होगा। इसके बाद 2012 में जन सत्याग्रह किया जाएगा। सम्मेलन में एकता परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी के अलावे हजारो लोग मौजूद थे।

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