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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Friday 15 April 2011

भूमि सुधार

 

भारत में आजादी के समय एक ऐसी कृषि व्यवस्था मौजूद थी जिसमें भूमि का स्वामित्व कुछ हाथों में केंद्रित था। इस व्यवस्था में किसानों का शोषण हुआ और ग्रामीण जनसंख्या के सामाजिक आर्थिक विकास में यह बड़ी बाधा थी। आजादी के बाद भारत सरकार का ध्यान भूमि के समान वितरण पर भी रहा और देश को समृद्ध बनाने में भूमि सुधार को एक मजबूत स्तंभ के रूप में देखा गया। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन भूमि संसाधन विभाग जप्त अधिशेष भूमि के वितरण (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं), भूमि अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं), और भू-अभिलेखों के नवीनीकरण (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) सहित भूमि सुधार से संबंधित मामलों के लिए नोडल एजेंसी है।
भूमि अभिलेख प्रबंधन की व्यवस्था अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न है। यह राज्य में अपने ऐतिहासिक विकास और स्थानीय परंपराओं पर निर्भर करती है। अधिकांश राज्यों में भूमि रिकॉर्ड प्रबंध में कई विभाग शामिल हैं। लोगों को पूरे भूमि रिकॉर्ड के लिए 3 से 4 या इससे भी अधिक एजेंसियों से संपर्क करना पड़ता है। इसमें मूलपाठ का रिकॉर्ड और परिवर्तन के लिए राजस्व विभाग, नक्शों के लिए सर्वेक्षण और निपटान (या एकीकरण) विभाग, बाधाओं के सत्यापन और स्थानांतरण, बंधन के पंजीयन के लिए पंजीयन विभाग पंचायतों (कुछ राज्यों में, परिवर्तन के लिए) और नगर निगम के अधिकारियों (शहरी भूमि रिकॉर्ड के लिए) के पास जाना पड़ता है और यह समय की बर्बादी, जोखिम और उत्पीड़न भरा होता है।
दो मौजूदा केंद्र प्रायोजित योजनाओं भूमि अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण (सीएलआर) और राजस्व प्रशासन के सुदृढ़ीकरण एवं भूमि रिकार्ड का अद्यतन (एसआरए और यूएलआर) को 2008 में एक साथ मिलाने का निर्णय लिया गया और इसकी जगह देश में गारंटी के साथ एक प्रणाली विकसित करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना आधुनिकीकरण कार्यक्रम (एनएलआरएमपी) (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) को आकार दिया गया।
अपने राज्य में भू-अभिलेखों की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

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