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एकता परिषद भू अधिकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक जन आंदोलन है. लोगों की आवाज सुनी जाए इसके लिए एक बड़े पैमाने की राष्ट्री अभियान की नींव रखी गयी थी, जिसे जनादेश 2007 कहा गया, जिसके माध्यम से 25 हजार लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच कर अपनी आवाज बुलंद की.

Friday 15 April 2011

महिला दिवस पर 26 महिलाएं पुरस्कृत

महिला दिवस पर 26 महिलाएं पुरस्कृत

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नई दिल्ली। गांधीवादी संस्था एकता परिषद की एकता महिला मंच और भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजधानी के रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोजित एक सभा में भूमि अधिकार के लिए संघर्ष कर सफलता हासिल करने वाली 26 महिलाओं को पुरस्कृत किया गया।
राष्ट्रीय भूमि नीति बनाने की दिशा में केंद्र सरकार के वादे के अनुसार कदम नहीं उठाने के विरोध में गांधीवादी संगठन ‘एकता परिषद’ ने करीब 15 हजार लोगों के साथ रविवार से तीन दिवसीय चेतावनी सभा का आयोजन किया था। चेतावनी सभा के अंतिम दिन मंगलवार को 15 राज्यों से आए करीब 15 हजार भूमिहीन, आदिवासी और दलित महिला-पुरुषों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने का संकल्प लिया।
इस मौके पर एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजगोपाल पी व्ही ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ भी संघर्ष करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई केवल समुचित भूमि सुधार कानून बनवाना नहीं बल्कि भ्रष्टाचार जैसी बीमारी को भी खत्म करना है। उन्होंने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार है तब तक कोई भी कानून गरीबों और वंचितों को उनका वाजिब हक नहीं हासिल होने देगा।
इस मौके पर पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी, सीपीआई की वरिष्ठ साथी अमरजीत कौर, जूझारू पुलिस अधिकारी सुरेंद्रजीत कौर, अनिता बस्सी, सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश, पानी के लिए काम करने वाले तरुण भारत संघ के राजेंद्र सिंह, सर्व सेवा संघ की राधा भट्ट, पूर्व सांसद आरिफ मोहम्मद खान, सूचना अधिकार के लिए काम करने वाले अरविंद केजरीवाल, पूर्व सांसद अमरजीत सिंह चौधरी, गुजरात के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अशोक चौधरी, गांधी स्मृति की अध्यक्ष मणिमाला और एशियाई मैराथन दौड़ विजेता कविता गोदारा ने भूमिहीन लोगों के आंदोलन का समर्थन करते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
गौरतलब है कि राजगोपाल के नेतृत्व में एकता परिषद के करीब 15 हजार कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राजधानी के रामलीला मैदान से संसद भवन तक रैली निकाली थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने राजगोपाल को शीघ्र ही राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद की बैठक बुलाने और भूमि नीति में सुधार की बात कही थी। रैली में बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्रª, उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा, उड़ीसा, असम, मणिपुर, नागालैंड सहित 15 राज्यों से आए गरीब, भूमिहीन और आदिवासी लोग ने हिस्सा लिया।
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद के सदस्य राजगोपाल पी व्ही ने भूमि सुधार नीति लागू नहीं होने पर वर्ष 2012 में एक लाख लोगों के साथ जनसत्याग्रह शुरू करने की घोषणा की है। ज्ञात हो कि वर्ष 2007 में 25 हजार से अधिक गरीब, भूमिहीन लोगों के साथ राजधानी पहुंचे राजगोपाल से सरकार ने शीघ्र ही राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाने का वादा किया था जिससे की भूमिहीनों और वनवासियों को उनके प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार मिल सके, लेकिन सरकार तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद समुचित कदम नहीं उठा पाई है। यहां तक की प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्टीय भूमि सुधार परिषद की एक भी बैठक अब तक आयोजित नहीं हो सकी है।

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